बलिदेव दास की गणपति वंदना
सिद्धि के सदन गजवदन विशाल तनु,
दरश किये ते बेगी हरत कलेश को ,
अरुण पराग के ललाट पे तिलक सोहे
बुद्धि के निधान रूप तेज ज्यों दिनेश को ,
मंगल करण भव हरण शरण गए
उदित प्रभाव जगत विदित सुरेश को
जेते शुभ कारज तामे पूजिए प्रथम ताहि
ऐसे जग वंदन सुनंदन महेश को,
Friday, October 01, 2010
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